टावर तोडऩे के मामले में रिलायंस जियो पहुंचा हाई कोर्ट, कहा- कभी नहीं ली कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए जमीन
नई दिल्ली ,04 जनवरी। पिछले काफी दिनों से किसान बिल के खिलाफ चल रहा किसानों का प्रदर्शन अब उग्र हो चुका है।
पिछले कुछ दिनों में प्रदर्शनकारियों ने पंजाब में रिलायंस जियो के बहुत सारे टावरों को नुकसान पहुंचाया है।
पंजाब सरकार ने किसानों से आग्रह किया था कि वह ऐसा ना करें, लेकिन इस अपील का कोई असर नहीं हुआ। अब इस मामले में रिलायंस हाई कोर्ट तक जा पहुंची है
और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपनी सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस जियो
इंफोकॉम लिमिटेड के जरिए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। अपनी याचिका में रिलायंस ने सरकार से कहा है
कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और तोडफ़ोड़ की इन गैर-कानूनी घटनाओं को पूरी तरह से रोके। रिलायंस ने ये भी कहा है
कि उसने कभी भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए कोई जमीन नहीं ली है। कंपनी ने अपनी याचिका में ये भी कहा है
कि जियो के टावर तोड़े जाने की वजह से हजारों कर्मचारियों के जीवन पर असर पड़ रहा है, साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचने के चलते कम्युनिकेशन में दिक्कतें आ रही हैं।
रिलायंस ने फिर से अपने आरोप को दोहराया है कि ये घटनाएं प्रतिद्वंद्वी टेलिकॉम कंपनी की तरफ से करवाई जा रही हैं।
रिलायंस ने अपना पक्ष देते हुए कुछ बातें शेयर की हैं।
भारती एयरटेल पर रिलायंस का आरोप
हाल ही में रिलायंस ने भारती एयरटेल पर किसानों को उकसाने का आरोप लगाया था,
जिस पर भारती एयरटेल ने रिलायंस जियो के आरोपों को बेबुनियाद बताया था। जियो ने आरोप लगाया था
कि रिलायंस जियो के टावर तोडऩे के लिए भारती एयरटेल की तरफ से किसानों को भड़काया जा रहा है।
भारती एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को बताया कि जियो के पास आरोपों के कोई सबूत नहीं हैं।
ऐसे में भारती एयरटेल ने जियो के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।