जयंत सिन्हा ने लिंचिंग के आरोपियों को बताया ‘निर्दोष’, बोले- बीजेपी नेताओं ने की थी आर्थिक मदद

अपने संसदीय क्षेत्र हजारीबाग में एक शख्स को पीट-पीट कर मार देने के मामले (Mob Lynching) में आरोपियों का स्वागत करने और उन्हें मिटाई खिलाने को लेकर पिछले साल केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) विवादों में घिर गए थे। वहीं, इस मामले में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का ताजा बयान आया है। जयंत सिन्हा ने कहा कि उन आरोपियों की कुछ बीजेपी नेताओं ने आर्थिक मदद की थी।

पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर की आर्थिक मदद

जयंत सिन्हा ने कहा, ‘वे (आरोपी) एक गरीब परिवार से थे। उनके परिवार के सदस्यों ने हमसे अनुरोध किया कि वे एक वकील रखने में उनकी वित्तीय सहायता करें। मैंने पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर वकील की फीस का भुगतान करने में मदद की।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालांकि उन्हें पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति है और लिंचिंग की निंदा करते हैं, लेकिन इस मामले के आरोपी ‘निर्दोष’ थे।

पीड़ितों के परिवार के लिए बहुत सहानुभूति- जयंत सिन्हा

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मुझे पीड़ित के परिवार के प्रति बहुत सहानुभूति है। जो भी हुआ वह दुखद है लेकिन मेरे घर आए लोग निर्दोष थे। आपने यह धारणा बना ली है कि वे अपराधी थे और आपकी ये धारणा गलत है।’ जयंत सिन्हा ने यह भी कहा कि अगर पीड़ित की विधवा भी किसी भी मदद के लिए उनसे संपर्क करती, तो वह सहायता करते। केंद्रीय मंत्री ने ये बातें बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार के दौरान कहीं।

बीफ ले जाने के शक में पीट-पीटकर हुई थी अलीमुद्दीन की हत्या

बता दें कि झारखंड के रामगढ़ में बीफ ले जाने के शक में पीट-पीटकर मांस कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या के मामले में 8 आरोपियों को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। जमानत मिलने के बाद वे सीधे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के घर पहुंचे जहां पर सिन्हा ने इन आरोपियों को माला पहनाया और मिठाई खिलाकर स्वागत किया था। 29 जून, 2017 को भीड़ ने पशु व्‍यापारी अलीमुद्दीन अंसारी को हजारीबाग जिले के रामगढ़ में गो-मांस ले जाने के शक में मार डाला था।

फास्‍ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी

इस मामले में फास्‍ट ट्रैक कोर्ट ने रिकॉर्ड पांच महीने में सुनवाई करते हुए इस साल 21 मार्च को 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। फास्‍ट ट्रैक कोर्ट से सजा पाने के बाद सभी दोषियों ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यहां से आठ को अंतरिम जमानत मिल गई थी। ये सभी आरोपी जेपी सेंट्रल जेल से बाहर निकलकर जयंत सिन्‍हा के घर गए थे, जहां पर मंत्री ने इनका स्वागत किया था। इसको लेकर केंद्रीय मंत्री विवादों में घिर गए थे।

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