उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के कस्बा नकड़ की शिखा तिवारी ने पूरे विश्व में सहारनपुर का नाम रोशन किया है। विश्व की मशहूर पत्रिका फोर्ब्स ने मई के अपने ताजा अंक में शिखा तिवारी को प्रमुख स्थान देते हुए उनका प्रोफाइल प्रकाशित किया है। फोर्ब्स ने प्रबंधन के क्षेत्र में भारत के 100 ‘ग्रेट पीपल मैनेजर्स’ की एक सूची प्रकाशित की है। फोर्ब्स ने पहली बार ये कैटेगरी शुरू की है। इस कैटेगरी में टॉप 12 लोगों की व्यक्तिगत प्रोफाइल छापी गई है। इसमें शिखा तिवारी को 9 वें नंबर और पृष्ठ 64 पर सचित्र स्थान दिया गया है। शिखा तिवारी सहारनपुर कांग्रेस के जिला प्रवक्ता गणेशदत्त शर्मा की बड़ी बहन हैं।
नकुड़ में डॉ. नरेश चंद्र शर्मा के घर वर्ष 1962 में जन्मी शिखा तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा नकुड़ एवं ननिहाल मंडावर ( बिजनौर) में हुई। जबकि स्नातक एवं स्नातकोत्तर (एम ए संस्कृत) शिक्षा उन्होंने मुन्नालाल गर्ल्स कॉलेज सहारनपुर से हासिल की। इसके बाद उन्होंने पीएचडी मेरठ विश्वविद्यालय से और हिन्दी में एम ए बैंगलोर विश्वविद्यालय से किया। शिखा वर्ष 2002 से बैंगलोर के टी जॉन कॉलेज से संबद्ध है, पहले वह इस कॉलेज में प्रोफेसर और गत सात वर्ष से इसी कॉलेज में प्रधानाचार्य पद को सुशोभित कर रही हैं।
फोर्ब्स ने संपूर्ण भारत के 408 संस्थानों, प्रतिष्ठानों के 5233 प्रबंधकों को सूचीबद्ध कर उनमें से श्रेष्ठता के आधार पर 100 लोगों का चयन किया है। पत्रिका ने अपने नियमानुसार इन 100 लोगों की चयन प्रक्रिया में सात माह का समय लगाया है। फोर्ब्स पत्रिका ने अपनी चयन प्रक्रिया का पूरा विवरण भी इस अंक में प्रकाशित किया है। चयन प्रक्रिया के दौरान शिखा तिवारी से साक्षात्कार में उनसे फोर्ब्स पत्रिका द्वारा कई प्रश्न पूछे गए, जिनका उन्होंने संतोषजनक उत्तर दिया लेकिन ‘प्रत्येक संबंधित व्यक्ति तक उनकी पहुंच और आत्मानुशासन ‘ को लेकर उन्होंने जो भाव व्यक्त किए हैं। उनकी इस उपलब्धि पर सहारनपुर के साहित्यकारों एवं बुद्धिजीवियों, डॉ. शिप्रा बनर्जी, डॉ. एन सिंह, डॉ. वीरेन्द्र आज़म, गीतकार राजेन्द्र राजन, डॉ. वीरेन्द्र शर्मा शम्मी, डॉ. एस के उपाध्याय, डॉ. अनिल वर्मा, डॉ. पीके शर्मा, डॉ. विजेन्द्रपाल शर्मा, सुरेश सपन, डॉ ओ पी गौड़, विनोद भृंग व हरिराम पथिक आदि ने हर्ष व्यक्त किया है।