मतदान के बाद बहराइच व कैसरगंज लोकसभा सीट पर हार-जीत को लेकर सट्टा बाजार गर्म

एक-एक बूथ पर हो रहे लाखों के सौदे

भाजपा प्रत्याशी का भाव 4 से 10 तो गठबन्धन प्रत्याशी 11 से 15 में बिके

अनुराग गुप्ता
जिला संवाददाता

बहराइच । मतदान के बाद बहराइच व कैसरगंज लोकसभा सीट पर हार-जीत को लेकर सट्टा बाजार गर्म है। राजनैतिक गलियारों में तो सिर्फ शर्तें चल रही हैं। लेकिन एक तबका ऐसा भी है जिसने प्रत्याशियों पर आइपीएल के क्रिकेटरों की तरह लाखों रुपयों का दांव लगा रखा है। जिसमें बहराइच लोकसभा के गठबन्धन प्रत्याशी सट्टा प्रेमियों की पहली पसन्द बने हुए हैं जबकि कैसरगंज लोकसभा सीट पर स्थिति साफ नही हो पा रही है । कुछ की पहली पसन्द करैली तो कुछ की नेता जी बने हुए हैं । इससे साफ है कि 23 मई को आने वाला चुनाव परिणाम कईयों को मालामाल तो बहुतों को कंगाल करेगा। मेट्रो सिटी से निकल कर सट्टा बाजार अब बहराइच और कैसरगंज जैसे कस्बे में पैर पसार चुका है। यहां दर्जनों युवाओं का ऐसा रैकेट विकसित हो चुका है, जो युवाओं को सट्टे की लत लगा रहा है। इस रैकेट के बड़े शहरों में बैठे आका आइपीएल और दूसरे टूर्नामेंट के दौरान लाखों के सट्टे को आनलाइन मोटीवेट करते हैं। उनके एजेंट के जरिए जुड़े युवा भारी कमाई के लालच के चलते इस दलदल मे धंसते जा रहे हैं। इसी रैकेट ने इस बार संसदीय चुनावों पर भी दांव खेला है। चुनाव परिणामों में हार जीत के अलावा कौन प्रत्याशी किस नंबर पर रहेगा और किसे कितने वोट मिलेंगे, इस पर भी बड़ी रकम दांव पर लगी है। इतना ही नही छोटे स्तर पर किस बूथ या एरिया से कौन प्रत्याशी भारी है यह भी सट्टा प्रेमियों की प्राथमिकता में शुमार है। मतलब साफ है कि सट्टेबाजों ने इस बार संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशियों को आइपीएल खिलाडियों की तरह बाजार में बोली लगा दी है। सूत्रों के मुताबिक युवाओं के कुछ नवोदित ग्रुप में यह सट्टा सैकडों से हजारों तक है तो इसके माहिर खिलाडियों के बीच दांव लाखों का है। जानकार यह भी बताते हैं कि इस सट्टा बाजार में गठबन्धन और भाजपा प्रत्याशी सबसे महंगे बिक रहे हैं तो वही कांग्रेस प्रत्याशी पर सट्टाबाजों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई है। इन सबके सम्बन्ध में स्थानीय पुलिस सतर्कता से नजर बनाए हुए है । एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सट्टाबाजी अपराध है और जुएं की परिधि में आता है। ऐसे तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। अगर कोई सट्टाबाजी मे संलिप्त पाया जाता है तो सख्त विधिक कार्रवाई सुनिश्चित होगी ।

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष के सामने गठबन्धन के पूर्व विधायक ठोंक रहे ताल

दरअसल बहराइच लोकसभा सीट की पहचान कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे रफी अहमद किदवई व आरिफ मोहम्मद खान से मानी जाती है । सबसे ज्यादा यह सीट 5 बार कांग्रेस पार्टी के खाते में रही जबकि भाजपा ने 4 बार इस सीट पर विजय हासिल की है । मौजूदा परिदृश्य की बात करें तो 2014 लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा से सावित्री बाई फुले सांसद चुनी गई थी जो इस बार कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं । वहीं इस बार इस हाइप्रोफाइल सीट पर भाजपा के पूर्व होमगार्ड मंत्री बलहा विधायक व प्रदेश उपाध्यक्ष अक्षयबर लाल गोंड एवं सपा बसपा रालोद गठबन्धन से सपा के पूर्व विधायक शब्बीर अहमद बाल्मीकि किस्मत आजमा रहे हैं । सूत्रों के अनुसार भाजपा प्रत्याशी का रेट 4 रुपये से 10 रुपये तथा गठबन्धन प्रत्याशी का रेट 11 रुपये से 15 रुपये तक लगाया जा रहा है लेकिन सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि छह मई को हुए मतदान के बाद परिणाम 23 मई को आएंगे तभी स्थिति साफ हो सकेगी ।

कैसरगंज में भाजपा व गठबन्धन के बीच रोचक मुकाबला

कैसरगंज लोकसभा सीट पर राजनैतिक दलों की नजर गड़ी हुई है क्योंकि यहां भाजपा के बाहुबली ब्रजभूषण शरण सिंह नेता जी और गठबन्धन से आजमगढ़ निवासी बसपा के चन्द्रदेव राम यादव मैदान में हैं । कांग्रेस ने यहां ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेलते हुए लड़ाई को तिकोना बनाने का भरपूर प्रयास किया है । श्रावस्ती के पूर्व सांसद विनय पाण्डेय बिन्नू यहां कांग्रेस के टिकट पर चुनावी समर में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं । मतदान छह मई को हो चुका है प्रत्याशियों की किस्मत ई वी एम में सुरक्षित है । अब सिर्फ 23 मई का इन्तजार है कि कैसरगंज की जनता किसके सर पर जीत का सेहरा सजा रही है । यहां के लोगों का मानना है कि कैसरगंज की लड़ाई भाजपा और गठबन्धन के बीच है,कोई ब्रजभूषण सिंह को जिता रहा है तो कोई चन्द्रदेव यादव को । यहां भी सटोरियों की बल्ले बल्ले है लेकिन सट्टे का भाव यहां कोई अधिक नही है । आकलन के अनुसार ब्रजभूषण का भाव अगर दो रुपये है तो गठबन्धन प्रत्याशी का रेट भी कमोबेश ऐसे ही माना जा रहा है ।

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