उत्तर प्रदेश में 18 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होने वाले विधान मंडल के बजट सत्र से पहले बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। बैठक में सीएम योगी ने सत्र के व्यवस्थित संचालन के लिए सभी दलों के नेताओं से सहयोग मांगा है। बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने सत्र के दौरान कोविड-19 की जांच और बचाव उपाय के पालन पर जोर दिया।
विधान मंडल के बजट सत्र को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आादित्यनाथ के सभी दलीय नेताओं से सहयोग मांगने पर विपक्ष ने सहयोग का आश्वासन देते हुए अल्पकालिक सदन चलाने के मुद्दे पर सरकार को घेरा भी। नेता विरोधी दल रामगोविन्द चौधरी, कांग्रेस दल की नेता आराधना मिश्रा मोना और बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने बजट पर नियमानुसार विस्तृत चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की आड़ लेकर सरकार जनता के ज्वलंत मुद्दों से मुंह चुरा रही है।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार विपक्ष के हर सवाल व जिज्ञासा का उत्तर देने को तैयार है। विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने कोविड जांच व बचाव उपाय के पालन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा के सभी कर्मियों की कोरोना जांच करा दी गई है। विधायकों की कोरोना जांच जारी है। सुरक्षा व्यवस्था में लगे हुए सभी कर्मियों की भी कोरोना जांच कराई जाएगी। मीडियाकर्मियों के लिए इस बार भी तिलक हाल में बैठने की व्यवस्था की गई है। सदस्यों को विधान भवन में आने-जाने के लिए निर्बाध व सुविधाजनक व्यवस्था, वाहनों की पार्किंग की समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं।
किसानों के आंदोलन के कारण हंगामेदार सत्र होने की आशंका
माना जा रहा है कि किसानों के आंदोलन के कारण विपक्ष सदन के भीतर व बाहर सरकार को घेरने के लिए तैयारी कर रहा है। किसान आंदोलन व कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस व सपा खासतौर पर मुखर हैं। गन्ना के परामर्शी मूल्य इस साल भी न बढ़ाये जाने से विपक्षी दलों को सरकार को घेरने का बड़ा मुद्दा मिल गया है। सत्ता पक्ष भी विपक्ष के मुद्दों का माकूल जवाब देने के लिए तैयारी कर रहा है। मंत्री व भाजपा विधायकों से सदन में तैयारी से आने को कहा गया है।
कोरोना संकट के चलते इस बार का बजट सत्र भी अलग होगा। बजट सत्र का आगाज 18 फरवरी को सुबह 11 बजे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अभिभाषण से होगा। वह गुरुवार को विधानसभा मंडप में दोनों सदनों के सदस्यों के समक्ष अपना अभिभाषण देंगी। कोरोना संकट के कारण सदस्य सोशल डिस्टेंसिंग के तहत दूर-दूर बैठेंगे। इसके लिए दर्शक दीर्घा में भी उनके लिए खास व्यवस्था की गई है। ऐसे में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष दलों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ विरोध जता पाना खासा मुश्किल होगा। वेल में आना भी उनके लिए कोरोना संक्रमण के लिहाज से कठिन होगा।