भारतीय वायुसेना को पहला अपाचे हेलिकॉप्टर मिल गया है। भारत ने अमेरिका के साथ 22 अपाचे हेलीकॉप्टर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इससे पहले इसका पहला बैच मार्च में मिलने की बात कही गई थी।
भारत ने 3 बिलियन डॉलर में 15 चिनूक और 22 अपाचे हेलीकॉप्टर का सौदा किया था। भारतीय और अमेरिकी राजनयिकों के अनुसार भारतीय सेना को सौंपने से पहले इनकी हवाई क्षमता की जांच करने और फ्लाइट टेस्ट करने की बात की गई थी। अटैक करने वाले अपाचे हेलीकॉप्टर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस में रखे जाएंगे।
इस हेलीकॉप्टर से भारतीय सेना की ताकत कई गुना तक बढ़ जाएगी। जो अभी तक रूस में बने एमआई-17 लिफ्ट हेलीकॉप्टर पर ही निर्भर है। इसके अलावा सेना के पास रूस में निर्मित एमआई-26 हेलीकॉप्टर भी मौजूद है। वहीं अगर अटैक हेलीकॉप्टर की बात करें तो भारतीय सेना की ताकत एमआई-35 पर ही निर्भर है। जिसका इस्तेमाल तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा 1980 के दशक में अफगानिस्तान पर कब्जे के दौरान किया गया था।
भारतीय सेना में शामिल होने वाला नया जंगी जहाज (हेलीकॉप्टर) अपाचे अनूठी और अपार युद्धक क्षमताओं से लैस है। अपाचे हेलीकॉप्टर भारतीय सेना की रक्षात्मक क्षमता तो बढ़ाएगा ही इससे सेना को जमीन पर मौजूद खतरों से लड़ने में भी मदद मिलेगी। अपाचे भारतीय सेना के आधुनिकीकरण को भी रफ्तार देगा।
अमेरिका ने इस हेलीकॉप्टर का भरपूर इस्तेमाल इराक और अफगानिस्तान में किया और इजरायल भी गाजा में इसी हेलीकॉप्टर के दम पर अपने दुश्मनों पर कहर ढाता रहा है। अपाचे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह वॉर जोन में लड़ाई के समय कतई फेल न हो।
अपाचे की खासियतें
* इसकी अधिकतम रफ्तार 280 किलोमीटर प्रति घंटा है।
* अपाचे को रडार से पकड़ना बेहद मुश्किल है।
* सबसे खतरनाक हथियार : 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता।
* हेलीकॉप्टर के नीचे लगी राइफल में एक बार में 30 एमएम की 1,200 गोलियां भरी जा सकती हैं।
* अपाचे की फ्लाइंग रेंज करीब 550 किलोमीटर है।
* अपाचे हेलीकॉप्टर एक बार में पौने तीन घंटे तक उड़ सकता है।
* नाइट विजन सिस्टम की मदद से रात में भी दुश्मनों की टोह लेने, हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट दागने और मिसाइल आदि ढोने में सक्षम।
* अपाचे दुनिया के उन चुनिंदा हेलीकॉप्टर्स में शामिल है जो किसी भी मौसम या किसी भी स्थिति में दुश्मन पर हमला कर सकता है।