पंचायत चुनाव आरक्षण ने बिगाड़ा राजनीतिक समीकरण, अब होगा भारी फेरबदल ।

पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद हड़कंप मच गया है। कोर्ट ने प्रस्तावित आरक्षण के आदेश को पूरी तरह से बदल दिया है। जिसके बाद अब दोबारा आरक्षण की कवायद शुरू की जाएगी। अब वर्ष 2015 को आधारवर्ष मानकर आरक्षण तय किया जाएगा, जिससे जिले में आरक्षण की स्थिति पूरी तरह से बदल जाएगी।

पंचायत चुनाव की तैयारियों का झटका लगा है। पंचायत राज विभाग द्वारा वर्ष 1995 को आधार मानते हुए आरक्षण निर्धारित किया था, जिसे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया। अब हाईकोर्ट में वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन अब नए शासनादेश के इंतजार में है। शासनादेश जारी होने के बाद आरक्षण को नए सिरे से शुरू किया जाएगा। वर्ष 2015 को आधार मनाकर आरक्षण तय करने की स्थिति में जिले में भारी फेरबदल होगा। 27 मार्च तक आरक्षण की नई सूची जारी की जाएगी।

नए शासनादेश के बाद जिले की 884 ग्राम पंचायतों में से करीब 300 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो सकती हैं, जिसमें 70 ग्रांव में एससी महिला, 80 गांव में ओबीसी महिला और 150 करीब गांव में सामान्य महिलाएं हो सकती हैं। वहीं ओबीसी, एससी, और अनारक्षित सीटों में भी फेरबदल होगा।

प्रशासन द्वारा आरक्षण जारी करने के बाद से ही संभावित प्रत्याशी चुनाव की तैयारियों में जुट गए थे। गांव में पूरी तरह से चुनावी माहौल था। लेकिन अब पंचायत चुनाव में आरक्षण को दोबारा से तय किया जाएगा। जिससे चुनाव की तैयारी कर रहे संभावित प्रत्याशियों को भी झटका लगा है।

हाईकोर्ट ने प्रस्तावित आरक्षण को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने 2015 को आधार वर्ष मानकर नए सिरे से आरक्षण सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार ही आरक्षण की सूची तैयार की जाएगी।

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