जयपुर, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सभी 25 सीटों पर हुई हार के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच मतभेद गहराते जा रहे है। प्रदेश में कांग्रेस दो खेमों में बंट गई है।
गहलोत खेमा जहां पायलट को अध्यक्ष पद से हटवाने में जुटा है। वहीं पायलट खेमे ने दो दिन पूर्व दौसा जिले के भंडाना में शक्ति प्रदर्शन किया। सचिन पायलट के पिता स्व.राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में राज्य के 15 मंत्रियों,62 विधायकों एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है।
जयपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर आयोजित प्रार्थना सभा में सीएम अशोक गहलोत का शामिल नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेसियों में चर्चा है कि दूरदराज से कांग्रेसी प्रार्थना सभा में पहुंचे,लेकिन गहलोत का नहीं पहुंचना यह बताता है कि दोनों के बीच मतभेद गहराते जा रहे है। अब गहलोत खेमा पायलट के जवाब में शक्ति प्रदर्शन की रणनीति बना रहा है।
हालांकि गहलोत खेमे का मानना है कि सीएम की कुर्सी को फिलहाल कोई खतरा नजर नहीं आता। लेकिन भंडाना में जिस तरह से बड़ी संख्या में कांग्रेसी पहुंचे उससे पार्टी के भीतर कई तरह से कयास लगाए जाने लगे है। इन कयासों पर विराम लगाने के लिए गहलोत खेमा शक्ति प्रदर्शन की रणनीति बना रहा है।