यूपी,
कोरोना और लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था लड़खड़ाई तो सरकार ने किसानों से जुड़ी तमाम योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। अब जबकि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी तो सरकार ने सबसे पहले किसानों से जुड़ी योजनाओं को फिर से शुरू करने का निर्णय किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि किसानों से सीधे जुड़ी ये सभी योजनाएं ऐसी हैं, जो विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा पास हैं लेकिन इन्हें तत्समय रोक दिया गया था। कारण सरकार का खजाना खाली था।
जानकारों की माने तो सरकार के इस कदम के पीछे फिलहाल पंचायत चुनाव हैं क्योंकि योजनाओं के ठप हो जाने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर खेती-किसानी के क्षेत्र में कई समस्याएं आनी शुरू हो गई थी। साथ ही ये सभी योजनाएं किसानों के साथ-साथ पूरे कृषि क्षेत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।रोकी गई इन योजनाओं का असर खाद्यान्न उत्पादन पर पड़ सकता था। क्योंकि इनमें बीजों पर अनुदान से लेकर सस्ती सिंचाई से जुड़ी योजनाएं शामिल थीं। विशेष कर संकर बीजों पर अनुदान नहीं मिलने से संकर प्रजाति की फसलों का क्षेत्र कम हो सकता था जिसका सीधा प्रभाव उत्पादन के ग्राफ पर पड़ सकता था। इसी प्रकार से स्प्रिंकलर सेट एवं सोलर पम्पों पर अनुदान नहीं मिलने से किसानों की खेत में सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहे थे।
बजट के अभाव में रोकी गई राज्य सेक्टर की योजनाएं जिन्हें फिर से चालू करने जा रही सरकार-
क्रम सं. योजना का नाम बजट (2020-21) में प्राविधानित राशि (करोड़ में)
- संकर बीजों को बढ़ावा देने की योजना के लिए अनुदान 20.00
- सोलर पम्प अनुदान सिंचाई योजना 40.00
- विभिन्न पारिस्थिकीय संसाधनों से कीट-रोग नियंत्रण 21.74
- मृदा स्वास्थ्य सुदृढ़ीकरण योजना 14.23
- स्प्रिंकलर सिंचाई योजना 23.66
- कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रसार कार्यक्रम 25.00
- एग्री जंकशन (प्रशिक्षित उद्यमी योजना) 06.47
- बायो फर्टीलाइजर उत्पादन प्रयोगशाला सुदृढ़ीकरण 04.06
- भूमि सुधार के लिए जिप्सम अनुदान योजना 02.84
- वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन कार्यक्रम 19.56