अरविंद बिष्ट की पुत्री और चन्द्र प्रकाश गुप्ता-साधना गुप्ता की बहू ने आज समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया. वह मुलायम सिंह यादव जी के गोद लिए यानि चन्द्र प्रकाश गुप्ता और साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक गुप्ता की पत्नी थीं. वही प्रतीक गुप्ता जिनकी महँगी गाड़ी का प्रधानमंत्री ने मज़ाक उड़ाया था. यह ऐसी बीजेपी में ज्वाइनिंग है, जिसमें बीजेपी से ज़्यादा समाजवादी लोग खुश हैं.
अपर्णा बिष्ट ने जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अजय मोहन बिष्ट यानि योगी आदित्यनाथ ने शपथ ली थी, तो उन्हें अपने गऊ सेवा केंद्र को दिखाने ले गईं थीं. वह, उनके पति और बाबा मुख्यमंत्री गाय को रोटी खिला रहे थे, यह तस्वीरें चर्चा में थीं. इन पांच वर्षों में वह जिधर गई हैं, उधर का ही लगातार व्यवहार कर रही थीं. उनका आना जाना समाजवादियों पर कोई प्रभाव नही डालेगा क्योंकि सपा में उनके जाने से प्रसन्नता ही है.
असली सवाल मीडिया का है, जो दिनभर मुलायम परिवार में सेंध चलाएगा मगर देखिएगा कि क्या इतनी फुटेज स्वामी प्रसाद मौर्या को मिली, जनाधार वाले दारा सिंह चौहान को मिली या फिर धर्म सिंह सैनी को मिली, हरगिज़ नही. अब आप देखिएगा, मीडिया ऐसा व्यवहार करेगी जैसी अपर्णा नही गई, पूरी समाजवादी पार्टी उठकर चली गई.
नेता जी के घर में वह आ जा सकती थीं, यही कारण था, हर समाजवादी उनका सम्मान करता था. वैसे भी मुलायम सिंह यादव जी से जिसका भी नाम जुड़ जाए, उसका हर सपा कार्यकर्ता सम्मान करता है. मगर इसका अर्थ यह नही की जनाधार पर कोई आंच आएगी. यह इसलिए लिखना पड़ रहा क्योंकि मीडिया उसे मुलायम परिवार में फूट की तरह दिखाएगी, जबकि ऐसा कुछ भी नही.
नेता जी का परिवार एक है, उनके, भाई, भतीजे, साथी, कार्यकर्ता, नेता सब साथ हैं और एक दूसरे के साथ और सहयोग से, लोगों के दिलों में बसे उनके पुत्र को यूपी का अगला मुख्यमंत्री बनाने जा रहे हैं और यूपी का सारा समाज मिलकर,बाँटने वाली मानसिकता, ठोकोनीति, आक्रामक और हिंसक शासन और महंगाई,बेरोज़गारी बढ़ाने वालों को हराने जा रहा है