नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया है। इस बजट में टैक्स से जुड़े कई बड़े ऐलान किए गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में करदाताओं का धन्यवाद किया। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के सपने को पूरा करने में ईमानदाता करदाताओं ने अपना अतुल्य सहयोग दिया है। इसके अतिरिक्त पेट्रोल डीजल पर 1 रुपए की एक्साइज ड्यूटी लगाई गई है।
इसके साथ ही सोने चांदी पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ा दिया गया है। कोराबारियों को उम्मीद थी कि इस बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी कम की जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जानिए इस बजट में टैक्स से जुड़े क्या कुछ बदलाव हुए हैं।
टैक्स से जुड़े हुए ये बड़े बदलाव
डायरेक्ट टैक्स में बढ़ोतरी हुई है।
2 करोड़ से 5 करोड़ और 5 करोड़ से ऊपर की व्यक्तिगत आय पर 3 फीसदी और 7 फीसदी सरचार्ज लगेगा।
जिन कंपनियों का सालाना आय 250 करोड़ रुपए उन्हें 25 फीसदी टैक्स देना होता था। अब इसे बढ़ाकर 400 करोड़ रुपए सालाना कर दिया गया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12 फीसदी से कम करके 5 फीसदी करने का प्रस्ताव किया गया है।
सरकार विद्युत चालित वाहनों को खरीदने के लिए ऋणों पर अदा किये गए ब्याज पर 1.5 लाख की अतिरिक्त आयकर छूट प्रदान करेगी
स्टार्टअप को दी गई राहत। अपनी रिटर्न के मामले में आवश्यक जानकारी देने वाले स्टार्ट-अप और उनके द्वारा जुटाई गई निधियों के संबंध में आयकर विभाग की ओर से किसी भी तरह की जांच नहीं की जाएगी
पैन और आधार को टैक्स भरने के लिए आपस में बदला जा सकेगा। जिसकी मदद से वे लोग भी टैक्स भर सकेंगे, जिनके पास पैन कार्ड नहीं है।
सस्ते घरों के लिए ब्याज पर मिलेगी 3.5 लाख रुपये की छूट
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए और कैश बिजनेस पेमेंट को कम करने के लिए 1 बैंक अकाउंट से साल में 1 करोड़ तक कैश निकाले पर 2 फीसदी और एक कोरड़ से अधिक कैश निकालने पर 2.5 फीसदी का टैक्स लगेगा।
5 लाख रुपए तक की आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा।
जीएसटी प्रक्रिया को सरल किया जाएगा।
गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 12.5 फीसदी की गई। पहले ये 10 फीसदी थी।
राजकोषीय घाटा 3.4 फीसदी से घटकर 3.3 फीसदी हो गया है।
आय की न्यूनतम सीमा को 1.20 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया गया।
पेट्रोल- डीजल पर 1 रुपए की एक्साइज ड्यूटी लगाई गई।
5 करोड़ वार्षिक से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को त्रिमासिक जीएसटी रिटर्न फाइल करनी है
लोन को प्रोत्साहन देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी दी जाएगी।
बजट में तम्बाकू उत्पादों और क्रूड पर बहुत कम मूल उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव है।
देश के प्रकाशन और प्रिंटिंग उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए आयातित किताबों पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया जाएगा।
घरेलू विनिर्माण को और बढ़ावा देने के लिए बजट में कुछ कच्ची सामग्रियों और पूंजीगत वस्तुओं पर सीमा शुल्क घटाने का प्रस्ताव किया गया है। इन वस्तुओं में सीआरजीओ सीट के कुछ उत्पाद, अलोय रिबन, ईथाइलीन डाइक्लोराइड, प्रोपाइलीन ऑक्साइड, कोबाल्ट मेट, नेफ्था, ऊन फाइबर, कृत्रिम किडनी निर्माण के सामान और डिस्पोजेबल स्ट्रेलाइज्ड, डाइलाइजर और न्यूक्लियर पॉवर संयंत्रों का ईंधन शामिल है।
भारत के बाहर रहने वाले किसी व्यक्ति को भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा 5 जुलाई 2019 को या उसके बाद किसी धनराशि, भारत में स्थित संपत्ति को उपहार के रूप में देना प्रोद्भूत माना जाएगा और इसलिए वह देश में कर योग्य होगा।
छोटे कारोबारियों को डिजिटल पेमेंट पर मिलेंगी छूट।
केवल उन्हीं लोगों को टैक्स देना होगा, जिनकी आय 5 लाख रुपए के ऊपर होगी।
वह लोग जो एक साल में करेंट अकाउंट में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा डिपॉजिट करते हैं, उन्हें रिटर्न फाइल करना जरूरी होगा। इसके साथ ही जो अपनी विदेश यात्रा में 2 लाख रुपए का खर्च या जिनका बिजली का बिल 1 लाख रुपए से अधिक सालाना आता है, उन्होंने भी रिटर्न भरना होगा।
टैक्स स्लैब में नहीं हुआ कोई बदलाव
ये है देश में मौजूदा टैक्स स्लैब
इनकम टैक्स स्लैब
इनकम टैक्स रेट और सेस
2.5 लाख रुपए तक
कुछ भी नहीं
2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक
5 फीसदी (कुल आय में से 2.5 लाख घटाकर) + 4 फीसदी सेस
5 लाख से 10 लाख रुपए तक
12,500 रुपए + 20 फीसदी (कुल आय में से 5 लाख रुपए घटाकर) +4 फीसदी सेस
10 लाख रुपए से ऊपर
1,12,500 रुपए + 30 फीसदी (कुल आय में से 10 लाख घटाकर) + 4 फीसदी सेस
इनकम टैक्स स्लैब
इनकम टैक्स रेट और सेस
3 लाख रुपए तक
कुछ भी नहीं
3 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक
5 फीसदी (कुल आय में से 3 लाख रुपए घटाकर) + 4 फीसदी सेस
5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक
10,000 रुपए + 20 फीसदी (कुल आय में से 5 लाख रुपए घटाकर) + 4 फीसदी सेस
10 लाख रुपए से ऊपर
1,10,000 रुपए + 30 फीसदी (कुल आय में से 10 लाख रुपए घटाकर) + 4 फीसदी सेस
इनकम टैक्स स्लैब
इनकम टैक्स रेट और सेस
5 लाख रुपए तक
कुछ भी नहीं
5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक
20 फीसदी (कुल आय में से 5 लाख घटाकर) + 4 फीसदी सेस
10 लाख रुपए से ऊपर
1,00,000 रुपए + 30 फीसदी (कुल आय में से 10 लाख घटाकर) + सेस