बरेली में सपा की नई कमेटी के स्वागत समारोह से पुरानी कमेटियों के पदाधिकारी-दिग्गज गायब, यह है बजह….
बरेली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में करारी शिकस्त खाने के बाद भी सपा में गुटबाजी खत्म नहीं हो रही है. सपा कार्यालय पर जिले की नई कमेटी के पदाधिकारियों के स्वागत समारोह से सपा की जिला कमेटी के पूर्व पदाधिकारी और दिग्गज भी गायब रहे.इसको लेकर पार्टी में काफी चर्चा बनी हुई है. हालांकि,नई कमेटी के स्वागत समारोह में पदाधिकारियों को फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया गया. इसके साथ ही पार्टी की मजबूती पर जोड़ दिया गया है.
समाजवादी पार्टी (सपा) ने कुछ महीनों बाद होने वाले नगर निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. जिसके चलते बरेली में नई कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी का सप्ताह भर पहले ही ऐलान हुआ था. हालांकि कमेटी में लगातार बदलाव हो रहा है.नई कमेटी का बुधवार को सपा कार्यालय पर स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार, पूर्व विधायक विजयपाल सिंह, पूर्व विधायक पंडित आरके शर्मा, पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन, पूर्व महानगर अध्यक्ष जफर बेग और कदीर अहमद समेत प्रमुख पदाधिकारी पहुंचे.समारोह में जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप, जिला महासचिव योगेश यादव,कोषाध्यक्ष प्रमोद कुमार एडवोकेट, जिला उपाध्यक्ष संजीव यादव, ताजुद्दीन आदि पदाधिकारियों का स्वागत किया गया.इसके बाद नगर निकाय चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों की जीत पर चर्चा कर गुटबाजी खत्म करने के साथ ही पार्टी की मजबूती पर जोर दिया गया. मगर, इस स्वागत समारोह से पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष मौर्य, पूर्व जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव, पूर्व जिला महासचिव सत्येंद्र यादव, पूर्व जिला कोषाध्यक्ष रविंद्र यादव, प्रवक्ता मयंक शुक्ला मोंटी समेत प्रमुख पदाधिकारी नहीं आएं.इसके साथ ही कार्यक्रम में सपा के बहेड़ी विधायक एवं पूर्व मंत्री अताउर्रहमान, भोजीपुरा विधायक एवं पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव,पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन, पूर्व विधायक सुल्तान बेग, शहर विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले राजेश अग्रवाल समेत प्रमुख पदाधिकारी और दिग्गज शामिल नहीं हुए.इन को लेकर काफी चर्चाएं बनी रहीं हैं.
-पांच दिन में तीन बार बदला पद जिला कमेटी में फरीदपुर विधानसभा के रसुइया गांव निवासी संजीव यादव का पद पांच दिन में तीन बार बदला जा चुका है.पिछले गुरुवार को घोषित जिला कमेटी में संजीव यादव को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया था.इसके दो दिन बाद जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई.मगर, उसके अगले ही दिन जिला उपाध्यक्ष का पद छीन कर जिला सचिव बनाया गया है, लेकिन इससे संजीव काफी ख़फ़ा बताएं जा रहे हैं.हालांकि, संगठन के प्रमुख लोगों का कहना है कि उन्हें प्रदेश के बड़े नेता की सिफारिश पर पद दे दिया गया है.मगर, उनका कद जिला सचिव के लायक भी नहीं है.