22 से 26 नवम्बर तक होंगे कंस वध मेला के आयोजन
मथुरा।कान्हा की नगरी में उत्सवों की खुमारी बरकरार है। वृंदावन में शनिवार से तीन दिवसीय कृष्ण बाल मेला का शुभारम्भ हो रहा है।
वहीं 22 से 26 नवम्बर तक कंस वध मेला की मथुरा मंे धूम रहेगी।
इस बीच देव उठान एकादशी और गोपाष्टमी के आयोजनों की भी धूम मचेगी।
वृंदावन बाल विकास परिषद तत्वावधान में रमनणरेती मार्ग स्थित वृंदावन शोधा संस्थान में 18 वें श्रीकृष्ण बाल महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
महोत्सव संरक्षक स्वामी महेशानंद सरस्वती ने बताया कि आयोजन के दौरान कोविड-19 की गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।
श्री माथुर चतुर्वेद परिषद की ओर से हर साल कंस वध मेले का आयोजन किया जाता है। इसके लिए कई महीने पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
कंस के पुतले को पीटने के लिए लाठियां तैयार की जाती हैं। यमुना के विश्राम घाट पर लाठियों की बिक्री हो रही है। लाठियों को तेल पिलाकर मेहंदी से सजाया जा रहा है।
कंस वध मेला 22 नंवबर से परंपरागत तरीके से शुरू हो जाएगा।
इस दिन सुबह 10 बजे से विश्राम घाट पर गोचारण लीला, 23 को कवि सम्मेलन, 24 को कंस वध और 26 नवंबर को सायं चार बजे से यमुना जी में दीपदान महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
रात को विश्राम घाट पर होगी आतिशबाजी
मेले के तहत 24 नवंबर को शाम चार बजे छत्ता बाजार स्थित हनुमान गली से कृष्ण बलराम की शोभायात्रा निकाली जाएगी।
इसमें कृष्ण बलराम के स्वरूप कंस को मारने के लिए ग्वालवालों के साथ निकलेंगे। चतुर्वेदी समाज के लोग लट्ठ लेकर शोभायात्रा में शामिल होंगे।
माथुर चतुर्वेद परिषद के महामंत्री राकेश तिवारी ने बताया कि कंस वध मेले की तैयारियों के लिए चतुर्वेदी समाज के लोग महीने भर पहले से जुटे हुए हैं।
कंस के पुतले को मारने के लिए लाठियां राजस्थान के अलवर, कोसी और मिर्जापुर से मंगाई हैं।