उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कहा कि माफिया डॉन मुख्तार अंसारी द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली एंबुलेंस चलता-फिरता किला है। यह एंबुलेंस पूरी तरह से बुलेट प्रूफ है। एक समय मुख्तार के गुर्गे हथियारों के साथ हर समय इसमें मौजूद रहते थे।
उन्होंने कहा कि जेल में निरुद्ध किसी अभियुक्त को निजी एंबुलेंस का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होती है। उसके बीमार होने की दशा में जेल की तरफ से मांग किए जाने पर सीएमओ द्वारा एंबुलेंस मुहैया कराए जाने की व्यवस्था है। पूर्व डीजीपी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव की अगुवाई वाली सपा सरकार के शासनकाल में मुख्तार को सत्ता का खुला संरक्षण मिला हुआ था। वह अपनी बुलेटप्रूफ एंबुलेंस के आगे-पीछे वाहनों का लंबा काफिला लेकर चलता था। मुख्तार विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के लिए एलएमजी खरीदना चाहता था, क्योंकि कृष्णानंद राय की गाड़ी बुलेटप्रूफ थी। इस गाड़ी को भेदने के लिए एलएमजी ही सक्षम हथियार था।
पंजाब की रोपड़ जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेशी के दौरान यूपी नंबर की एम्बुलेंस से आया था। पंजाब में यूपी नंबर की एम्बुलेंस से मुख्तार की पेशी के कारण मामला गहरा गया। जांच शुरू हुई तो कई खुलासा हुए। यूपी के मंत्री ने एम्बुलेंस को बुलेट प्रूफ बताते हुए जांच की बात कही। इसी के साथ बाराबंकी से लेकर मऊ तक की पुलिस फास्ट हो गई।
मुख्तार अंसारी को एम्बुलेंस देने के मामले में अपने ऊपर केस दर्ज होते ही मऊ की डाक्टर अलका राय भी थाने पहुंचीं। उन्होंने पूरे मामले को अपने खिलाफ षडयंत्र बताते हुए मुख्तार अंसारी समेत कई लोगों के खिलाफ तहरीर दी है। एम्बुलेंस को लेकर अलका राय पर बाराबंकी में गुरुवार की रात केस दर्ज किया गया था। प्राथमिक जांच में पता चला है कि एम्बुलेंस के रजिस्ट्रेशन के लिए अलका राय के फर्जी वोटर कार्ड का इस्तेमाल किया गया है।