राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी सरकारी नौकरियों में जाने की राह आसान बनाएगी
शशांक शर्मा**
समाज और व्यक्ति के लिए किसी कार्य को सुगम व सरल बनाने के लिए व्यवस्थाएं एक साथ नहीं बनती, आवश्यकता अनुसार एक-एक कर बनाई जाती है। लेकिन समय के साथ उनमें सुधार व परिवर्तन न हों तो यही व्यवस्था एक समस्या बनती जाती है।
देश के करोड़ों युवाओं के लिए शासकीय सेवा में भर्ती होने के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं का यही हाल था। सरकारी सेवा में भर्ती होने का सपना संजोए युवा साल में अलग-अलग पा
ठ्यक्रम और पद्धति कीदर्जनों परीक्षाओं में शामिल होने के मानसिक तनाव से जूझ रहे थे। इस परेशानी के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में सुधार लाने हेतु राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को मंज़ूरी दी है।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी सरकारी नौकरियों में जाने
केन्द्र एवं राज्य स्तर पर अलग अलग वर्ग के पदों के लिए भर्ती करने अलग अलग परीक्षाएं आयोजित की जाती है अधिकारी संवर्ग के लिए दो तीन चरणों में परीक्षा आयोजित की जाती हैं। सहायक सेवाओं में ग्रुप ‘बीÓ और ‘सीÓ के लिए केंद्र सरकार रेलवे भर्ती बोर्ड, कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भर्ती करती है
, इसके अलावा देश के अधिसूचित बैंकों में भर्ती के लिए भी बैंक भर्ती बोर्ड साल में परीक्षाएं आयोजित करता है। इन विभिन्न भर्ती एजेंसियों के द्वारा अलग-अलग पदों के लिए साल में अनेक बार परीक्षाएं आयोजित की जाती है।
जो युवा शासकीय सेवा में भर्ती होना चाहते हैं, वे साल में भिन्न भिन्न परीक्षाओं में शामिल होने के लिए बार-बार आवेदन करते हैं और अनेक परीक्षाओं में सम्मिलित होते हैं। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन और इसके अनुसार किए जाने वाले सुधार के बाद युवाओं को बार बार अपनी योग्यता के परीक्षण कराने से मुक्ति मिलेगी।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी सरकारी नौकरियों में जाने
नई व्यवस्था के अनुसार अब ग्रुप बी और सी (ग़ैर-तकनीकी) स्तर की सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार राष्ट्रीय भारती एजेंसी के माध्यम से एक सामान्य योग्यता परीक्षा, जो साल में दो बार आयोजित की जाएगी, में सम्मिलित होंगे। इस योग्यता परीक्षा में उम्मीदवारों को जो अंक प्राप्त होगा, उसके आधार पर वे केंद्र सरकार के विभिन्न पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सामान्य योग्यता परीक्षा के अंक 3 वर्षों के लिए मान्य होंगे। अगर किसी उम्मीदवार के अंक श्रेष्ठ हैं तो उन्हें बार-बार अपनी योग्यता साबित नहीं करनी पड़ेगी लेकिन जिन उम्मीदवारों को अपनी श्रेणी में सुधार करना हो तो वे पुन: सामान्य योग्यता परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी एक ऐसी संस्था होगी जिसमें रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्राल/वित्तीय सेवा, कर्मचारी चयन आयोग, बैंकिंग भर्ती बोर्ड की सभी सेवाओं के लिए योग्यता का परीक्षण करेगी। इसका अर्थ यह हुआ कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की सामान्य योग्यता परीक्षा के अंक केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं पदों के लिए मान्य होंगे। यह व्यवस्था लागू होने से युवाओं को बार-बार भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करना,परीक्षाओं में शामिल होना जैसे झंझटों से निजात मिलेगी।
शासकीय सेवाओं के लिए विभिन्न पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता अलग अलग माँगी जाती है, इस दृष्टि से सामान्य योग्यता परीक्षा भी मुख्य रूप से 3 स्तरों पर आयोजित की जाएंगी, स्नातक स्तर की, बारहवीं कक्षा के उत्तीर्ण छात्रों के स्तर की और दसवीं उत्तीर्ण छात्रों के स्तर की। अनेक भर्ती प्रकिया में दो चरणों में, प्रारंभिक और मुख्य, परीक्षा आयोजित की जाती है।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की योग्यता परीक्षा के प्राप्तांक प्रारंभिक स्तर के माने जाएंगे और दूसरे चरण की परीक्षा कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे भर्ती बोर्ड अथवा बैंकिंग भर्ती बोर्ड के द्वारा आयोजित की जाएगी।
नई व्यवस्था के लागू होने से युवा बेरोजग़ारों को बार-बार परीक्षा के लिए आवेदन करने में शुल्क जमा करने से मुक्ति मिलेगी, पैसे की बचत होगी। इसके अलावा ज़्यादातर परीक्षा केन्द्र देश के कुछ गिने-चुने शहरों में ही बनाए जाते थे, इसलिए उम्मीदवार को परीक्षा देने दूर शहर जाना पड़ता था। कई बार हॉटल या लॉज में ठहरने की ज़रूरत पड़ती थी।
स्थिति यह हो जाती थी कि बाहरी उम्मीदवारों की संख्या अधिक होने पर कमरे नहीं मिलते थे और रातभर रेलवे प्लेटफ़ॉर्म या फुटपाथ पर रात गुज़ारने की नौबत आ जाती थी। इसके समाधान के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेसी देश के प्रत्येक जि़ले में परीक्षा केन्द्र की सुविधा देगी, यहां तक कि 117 पिछड़े क्षेत्रों में आकांक्षी जिलों में भी विशेष व्यवस्था की जाएगी।
इसका मतलब है कि अब किसी उम्मीदवार को अपने घर से बहुत दूर परीक्षा देने नहीं जाना पड़ेगा। इस परिवर्तन का सर्वाधिक लाभ महिला उम्मीदवारों को होगा, जिन्हें घर से बाहर परीक्षा देने जाने में परेशानी होती थी।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की व्यवस्था से युवाओं को मनोवैज्ञानिक लाभ मिलेगा। पहला यह कि समान पाठ्यक्रम और पद्धति वाली एक परीक्षा में जो उम्मीदवार सफल हो जाता है वह दूसरी परीक्षा में असफल हो जाता है। कई बार उम्मीदवार एक साल एक पद के लिए प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने के बाद दूसरी बार असफल हो जाता है। अर्थात् एक साल योग्य रहने के बाद दूसरे साल वही उम्मीदवार अयोग्य घोषित हो जाता है।
अब अच्छा अंक व रैंक प्राप्त कर लेने से तीन साल तक किसी उम्मीदवार की योग्यता बरकरार रहेगी। समाज और परिवार में सफलता-असफलता के द्वंद्व से मुक्त रहेगा। दूसरा, एक वर्ग की सभी भर्ती परीक्षाओं में एक पाठ्यक्रम और पद्धति हो जाने से परीक्षार्थियों को पूरे मन से तैयारी करने की सुविधा होगी, बार-बार अलग-अलग पाठ्यक्रम और पद्धति के अनुसार अपनी तैयारी की रणनीति में परिवर्तन नहीं करना होगा।
केन्द्र सरकार की शासकीय नौकरियों में भर्ती की नई प्रणाली बार-बार परीक्षा आयोजित करने के व्यय और प्रशासनिक व्यस्तता से बचत करेगी। योग्यता परीक्षा के जरिए राज्य सरकारें भी नियुक्ति कर सकती है, निजी कॉर्पोरेट सेक्टर में भी इस योग्यता के जरिए नौकरी मिल सकती है। कह सकते हैं कि आगे चलकर एक राष्ट्र-एक भर्ती परीक्षा की प्रणाली की ओर देश जा रहा है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार है और आलेख में व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं)