स्वच्छता अभियान के जनक व कर्मयोगी राष्ट्रसंत गाडगे महाराज को याद किया गया।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कनौजिया समाज की तरफ से स्वच्छता अभियान के जनक व कर्मयोगी राष्ट्रसंत गाडगे महाराज का सोमवार को परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश सचिव सोनू कनौजिया व मोनू कनौजिया द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कांशीराम बहुजन मूल निवासी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। वहीं, विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों की ओर से संत गाडगे की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।

इस मौके पर सावित्री बाई फुले ने संत गाडगे की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्र हित में किए गए उनके कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर और संत गाडगे बाबा ने कंधे से कंधा मिलाकर समाज के उत्थान के लिए लगातार काम किया। साथ ही उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर व संत गाडगे की विचारधारा को अगर साथ लेकर नहीं चला गया तो संविधान पर बड़ा खतरा होगा।

आपको बता दें कि संत गाडगे ने महाराष्ट्र राज्य में अनेक धर्मशालाएं, चिकित्सालाएं, गौशालाएं और छात्रावासों का निर्माण कराया। यह सब कुछ उन्होंने भीख मांग-मांग कर बनवाया लेकिन अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनवाई। उन्होंने धर्मशालाओं के बरामदे या आस-पास के वृक्ष के नीचे ही अपनी सारी जिंदगी बिता दी। उन्होंने अपनी सारी जिंदगी परिधान व पोशाक से ज्यादा शिक्षा को तवज्जो दी। उनका कथन था कि चाहे एक रोटी कम खाओ लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाओ। स्वच्छता एवं शिक्षा के प्रतीक संत शिरोमणी संत गाडगे बाबा जी के परिनिर्वाण दिवस पर नमन।

इस कार्यक्रम में चाचा किशन कनौजिया, विक्रम कनौजिया, शंकर कनौजिया, सुमित कनौजिया, संजीव कनौजिया, कैलाश मौर्य, औसान कनौजिया, बबलू, अखिलेश रावत, पप्पू कनौजिया, संत लाल बौध, कैलाश नाथ मौर्य, रवि गौतम, किशन रावत, महेश पासी, सुनील बंगाली व महेश साजन मौजूद रहे।

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