चरणजीवी स्वामी प्रसाद मौर्य जी।आप को समाजवादी पार्टी मुबारक। दलित कर्मियों को पदावनत करके अपमानित करना, बाबा साहब और दलित महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नही किया जा सकता। दलित अपने महापुरुषों का अपमान कभी नही भूल सकता। याद रखना, 2004 में मुलायम सिंह क़ानून बना रहे थे, कि दलितों की ज़मीन बिना डीएम की अनुमति के ख़रीदी जा सकती है । दलितों को भूमिहीन बनाने का प्रयास था। मुलायम और अखिलेश ने दलित अफ़सरों को किनारे लगा दिया था। प्रताड़ना की हद हो गयी थी, जिसका मै भी जीता- जागता उदाहरण हूँ।याद रखना सपा में पिछड़ा का मतलब होता है, केवल एक बिरादरी, वह भी केवल इटावा और आसपास की। ठेके पूरे प्रदेश में इन्ही को मिलते थे।कुल 84 SDM में 56 यही की एक बिरादरी को मिलते थे, वह भी रिश्वत देकर, जिसकी जाँच अभी भी सीबीआई कर रही है।दलितों का तो इस पार्टी ने बंटाढ़ार कर दिया था।
याद दिलाऊ मौर्य जी, मुलायम सिंह 17 ओबीसी जातियों को एससी में ढकेल रहे थे, परंतु दलितों का कोटा 23% ही रखा था। मतलब समझाऊ, गरीब ओबीसी को एससी में ढकेल कर, 27% में केवल अपनी बिरादरी को और अधिक अवसर देना। अगर ईमानदार सोच होती तो, एससी/एसटी कोटा भी बढ़ाते। उत्तर प्रदेश के आदिवासियों का पूरा हक़ मार दिया, आप की नई पार्टी Samajwadi Party ने।लाखों लोगों को फ़र्ज़ी गोड़/ खरवार बनाकर, वही से मौर्य जी, जहाँ के आप रहने वाले हो। आप न बोले हो और न ही विरोध करोगे। अब तो आप उसी पार्टी में आ गये हो, जो एससी/एसटी की घोर विरोधी है। आप की नई पार्टी में तो किस ओबीसी को तवज़्ज़ों दी जाती है, आप अच्छी तरह जानते हो।लोगों को गुमराह मत करो, कभी माफ़ नही किए जाओगे।