Publised by: Himanshi saini
लगातार कम होते भूजल स्तर में सुधार के लिए प्रदेश की योगी सरकार एक बड़ी पहल करने जा रही है। इसके तहत आगामी 30 दिनों में वाराणसी में 75 अमृत सरोवर तैयार किए जाएंगे। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत उपेक्षित तालाबों को चिह्न्ति कर उनका पुनरुद्धार कराया जाएगा। साथ ही, नए तालाब खोदे जाएंगे। ये सभी कार्य मनरेगा से कराए जाएंगे। इसके लिए शासनादेश जारी होने के साथ ही जिले स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इन अमृत सरोवर की गहराई तकरीबन दो मीटर होगी। यहां पर जल की व्यवस्था की जाएगी ताकि किसी भी मौसम में पानी का जलस्तर बरकरार रहे। भूजल स्थिति को बेहतर करने की दिशा में यह सरोवर काफी कारगर होंगे। मनरेगा कन्वर्जेंन्स, क्षेत्र पंचायत निधि और ग्राम पंचायत निधि से सरोवर की रिटेनिंग वॉल, चहारदीवारी, इंटरलॉकिंग, फूडकोर्ट, स्टोनपिचिंग, पैडल वोट, ग्रीन एरिया, फव्वारे लगाए जाएंगे। यहां प्रकाश की भी व्यवस्था की जाएगी।
75 वें वर्ष में शुरू होने जा रहे इस विशेष अभियान
आजादी के अमृत काल यानी 75 वें वर्ष में शुरू होने जा रहे इस विशेष अभियान के तहत प्रदेश भर में कुल 5625 तालाब तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। ये सभी तालाब अमृत सरोवर के नाम से जाने जाएंगे। ये तालाब हमेशा आजादी के अमृत महोत्सव के यादगार के रूप में रहेंगे। इन तालाबों के तैयार होने के बाद इनका सौंदर्यीकरण इस तरह कराया जाएगा कि वे पर्यटन के लिहाज से भी आकर्षण का केंद्र बन सकें। इन तालाबों के रखरखाव के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। तालाब में जलीय जीवों की सुरक्षा के सभी उपाय होंगे। साथ ही लोगों को नौका विहार के साथ घर के आसपास की हरियाली का आनंद लेने का मौका मिलेगा। सरोवर के विकास से ग्राम वासियों की आय के साधन सृजित होंगे और ग्राम पंचायत की आय में भी वृद्धि होगी।
किस ब्लाक में कितने अमृत सरोवर तैयार किए जाएंगे, इसकी भी रूपरेखा बना ली गई है। आराजीलाइन विकासखंड में 12, बड़ागांव में 12, चिरईगांव में आठ, चोलापुर में 12, हरहुआ और काशी विद्यापीठ में आठ-आठ, पिंडरा और सेवापुरी में 12-12 अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। वाराणसी दौरे पर आए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी कहा था कि हर लोकसभा क्षेत्र में अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य है। सरोवर के चारों ओर पौधरोपण होगा। सरोवर में नौकायन और टहलने की व्यवस्था होगी। प्रत्येक गांवों को चयनित करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। सरोवर का नाम उस गांव के किसी बलिदानी या ऐसे राष्ट्रीय धरोहर के नाम पर रखा जाएगा, जिसने देश की सेवा में अपना अमूल्य योगदान दिया हो।