सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां को पूर्व राज्यसभा सदस्य स्वर्गीय अमर सिंह के खिलाफ विवादित बयान देने के मामले में राहत मिल गई है। एमपीएमएलए की कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है।
सपा सांसद के खिलाफ पूर्व राज्यसभा सदस्य स्वर्गीय अमर सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला भी दर्ज है। अमर सिंह ने दो साल पहले लखनऊ में यह मामला दर्ज कराया था। बाद में इस केस को रामपुर स्थानांतरित कर दिया गया था। पुलिस की ओर से इस मामले में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
सपा सांसद की ओर से उनके अधिवक्ता ने जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया। इस पर शुक्रवार को भी सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया, जबकि बचाव पक्ष की ओर से झूठा मुकदमा कायम कराने का आरोप लगाया गया। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने सपा सांसद आजम खां की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी मामले में एक को होगी बहस
रामपुर की पूर्व सांसद जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी के मामले में सपा सांसद और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम पर लगे आरोपों को खारिज करने की अर्जी पर एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को बहस के आदेश दिए। कोर्ट में एक अप्रैल को सुनवाई और बहस होगी। भाजपा नेत्री जयाप्रदा पर अभद्र टिप्पणी का मामला 30 जून,19 का है। रामपुर से लोस चुनाव में आजम खां की जीत के बाद मुरादाबाद के मुस्लिम कॉलेज में हुए सम्मान समारोह में सांसद डा.एसटी हसन ने जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी की थी।
मामला वायरल हुआ तो केस में सपा सांसद आजम खां व एसटी हसन के अलावा कई सपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा कायम हुआ। मामले की विवेचना कर रही क्राइम ब्रांच ने एमपी एमएलए कोर्ट में सांसद आजम खां व बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ कोर्ट आरोप पत्र दाखिल किया। पुलिस के आरोपों को लेकर बचाव पक्ष के अधिवक्ता शाह नवाज सिब्तैन ने आरोप डिस्चार्ज अर्जी दाखिल की है। अधिवक्ता का कहना है कि पुलिस विवेचना के दौरान जुटाए साक्ष्य के आधार पर आरोप पत्र दाखिल किया है जबकि अभियुक्तगणों के खिलाफ दायर आरोपपत्र का पर्याप्त आधार नहीं है। लिहाजा इस आरोपपत्र को डिस्चार्ज (उन्मोचित) किया जाए