बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्य का उनके पति डॉ. नवल किशोर शाक्य से तलाक,पढ़े क्या है पूरा मामला।

बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्य का उनके पति डॉ. नवल किशोर शाक्य से तलाक

बदायूं सांसद संघमित्रा मौर्य और कैंसर सर्जन डॉ. नवल किशोर शाक्य अब आपस में पति-पत्नी नहीं रहे हैं। 19 जनवरी 2021 को हिंदू मैरिज एक्ट-1955 के आधार पर दोनों को कोर्ट से तलाक की मंजूरी मिल गई है। आपसी मतभेदों की वजह से दोनों पिछले 8 सालों से अलग-अलग रह रहे थे। 21 दिसंबर 2017 को संघमित्रा मौर्य ने लखनऊ के फैमली कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी डाली थी।

कौन हैं संघमित्रा मौर्य?

संघमित्रा मौर्य बदायूं लोकसभा सीट से सांसद हैं एवं यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। भारतीय जनता पार्टी से 2019 में बदायूं लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान ‘सबसे गुंडी’ कहने पर भी चर्चा में आई थीं इससे पहले संघमित्रा मौर्य ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत 2011 में कासगंज जनपद के सिढ़पुरा से की थी। बाद में 2014 के लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर यूपी की मैनपुरी सीट से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुकी हैं। उस समय उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा में थे। इसके अलावा 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी वो एटा जिले की अलीगंज विधानसभा सीट से सपा के खिलाफ बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं थी। हालांकि इन दोनों ही चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

कौन हैं डॉ. नवल किशोर शाक्य?

डॉ. नवल किशोर शाक्य कैंसर सर्जन हैं। लखनऊ और कायमगंज में लक्ष्य कैंसर हॉस्पिटल नाम से चलते हैं उनके दो अस्पताल चलते हैं। जब स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा में थे तब शाक्य ने बसपा की सदस्यता ली थी लेकिन 17 मार्च 2018 को उन्होनें समाजवादी पार्टी का दामन थाम दिया था। समाजवादी पार्टी की सदस्यता लेने के बाद डॉ. नवल किशोर शाक्य ने पार्टी का जबरदस्त प्रचार किया था। कोरोना के बाद लगाए गए लॉकडाउन में डॉ. नवल किशोर शाक्य जरूरतमंदों की मदद करके काफी चर्चा में आए थे। धार्मिक रूप से बौद्ध धर्म से संबंध रखने वाले डॉ. नवल किशोर शाक्य समय-समय पर गरीब, जरूरतमंद और बौद्ध भंतों की आर्थिक मदद करते रहते हैं।

2003 में हुई थी मुलाकात

संघमित्रा मौर्य और डॉ. नवल किशोर शाक्य वर्ष 2003 में संपर्क में आए थे तब दोनों लखनऊ के ईरा मेडिकल कॉलेज में MBBS की पढ़ाई कर रहे थे। मेडिकल कॉलेज से शुरू हुआ दोनों का प्रेम-प्रसंग बाद में शादी में तब्दील हो गया। शादी के समय डॉ. नवल किशोर शाक्य लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में एमएस कर रहे थे जबकि संघमित्रा मौर्य राजनीति में संभावनाएं तलाश रही थीं।

2010 में हुई थी शादी

संघमित्रा मौर्य और डॉ. नवल किशोर शाक्य की शादी 3 जनवरी 2010 को लखनऊ के बाबू बनारसी दास एकेडमी में हुई थी। शादी में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती भी शामिल हुई थीं।

2019 लोकसभा चुनाव में हलफनामे में नहीं थी जानकारी

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य ने हलफनामे में अपराध, संपत्ति, वाहन, शिक्षा संबधित सभी जानकारी स्पष्ट दी गई है लेकिन उन्होंने अपने हलफनामे में खुद के विवाहित होने से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी थी। संघमित्रा मौर्य के हलफनामे में पति की जगह पिता का नाम दिया गया है। जबकि 2009 में जब वह मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ीं तो उन्होंने हलफनामे में खुद के विवाहित होने की जानकारी दी थी। हलफनामे में पति का नाम डॉ नवल किशोर निवासी सुनहरा पोस्ट भुजपुरा जिला कासगंज दर्ज था। सिढ़पुरा नगर पंचायत चुनाव में संघमित्रा मौर्य ने ड़ॉ. नवल किशोर शाक्य के खिलाफ चुनाव प्रचार भी किया था जब उनकी मां रामकली निकाय चुनाव में मैदान में थीं जब भाजपा की तरफ से कंचन गुप्ता उम्मीदवार थी।

लंबा नहीं चल पाया संबंध

एक तरफ राजनीति घराने की बेटी और दूसरी तरफ कैंसर सर्जन का रिश्ता बहुत लंबा नहीं चल पाया। अक्टूबर 2012 से दोनों के बीच मनमुटाव और दूरियां शुरू हो गईं थीं। 21 दिसंबर 2017 को हैरान कर देने वाली जानकारी तब सामने आई जब संघमित्रा मौर्य ने लखनऊ के फैमली कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी डाली।

लंबे समय से कार्ट में चला मामला

संघमित्रा मौर्य और डॉ. नवल किशोर शाक्य के बीच तलाक का केस न्यायालय में लगातार 3 वर्षों से भी ज्यादा चलता रहा। अंत में 19 जनवरी 2021 को हिंदू मैरिज एक्ट-1955 के आधार पर न्यायाधीश विकास नागर की कोर्ट ने विवाह विच्छेद का निर्णय दे दिया है। बता दें कि संघमित्रा मौर्य और डॉ. नवल किशोर शाक्य का एक पुत्र भी है जिसका नाम साम्राज्य मौर्य उर्फ लक्ष्य शाक्य है। कोर्ट की सहमति से बेटे का पालन पोषण संघमित्रा मौर्य स्वंय करेंगी।

Like us share us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *