भगवान कामतानाथ जी एवं मंदाकिनी में आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालु।



मकर संक्रांति पर मंदाकिनी में आस्था की दुबक लगा लाखो श्रद्धालुओ ने लगाई कामदगिरि की परिक्रमा चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक तीर्थ स्थल चित्रकूट में गुरुवार को मकर संक्रांति के पावन पर्व पर लाखो श्रद्धालुओं ने पतित पावनी मां मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगाकर मत्यगेंद्रनाथ नाथ (प्राचीन शिव मंदिर) में जलाभिषेक किया।इसके बाद मनोकामनाओ की पूर्ति के लिए कामदगिरि पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा लगाई। साथ ही सूर्य नारायण को अर्घ्य देकर खिचड़ी का दान किया।
 आदितीर्थ के रूप मे समूचे विश्व मे विख्यात धर्म नगरी चित्रकूट में मकर संक्रांति पर्व का विशेष महत्व है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के पर्व पर मंदाकिनी नदी में स्नान कर कामदगिरि की परिक्रमा लगाने खिचड़ी का दान करने और मंदाकिनी नदी के जल से सूर्य नारायण को अर्घ्य देने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। मत्यगेंद्रनाथ नाथ मंदिर के पुजारी विपिन महाराज ने बताया कि मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर धर्म नगरी में सुबह से ही लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। भोर से ही मंदाकिनी में आस्था की डुबकी लगा कर सूर्य नारायण को अर्घ्य दिया और खिचड़ी और वस्त दान किया।इसके अलावा चित्रकूट के क्षेत्र पालक भगवान ब्रम्हा द्वारा स्थापित सृष्टि के प्रथम शिवलिंग स्वामी मत्यगेंद्रनाथ का जलाभिषेक किया।इसके बाद मनोकामनाओ के पूरण की कामना को लेकर कामदगिरि पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा लगाई। पतित पावनी मां मंदाकिनी में आस्था की डुबकी लगाने आये श्रद्धालु ओम केशरवानी,दिलीप केशरवानी, सुनील द्विवेदी का कहना है कि चित्रकूट प्रभु श्रीराम की तपोभूमि है।मंदाकिनी स्नान और कामदगिरि की परिक्रमा लगाने से समस्त मनोकामनायें पूर्ण होती है। इसके अलावा डीएम शेषमणि पांडेय का कहना है कि मकर सक्रांति को लेकर मेला परिक्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है । मन्दाकिनी में स्नान करते हुए समय कोई हादसा न हो ,इसके लिए गोताखोरों की तैनाती की गई है। पूरे मेला क्षेत्र में सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। आपको बता दे कि चित्रकूट में प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में मकर संक्रांति पर पारा पांच डिग्री से नीचे है लेकिन श्रद्धालुओं में उत्साह देखते बना। पौराणिक भरतकूप व पतित पावनी मां मंदाकिनी में स्नान व दान पुण्य के लिए लोगों का तांता लगा है। चारों ओर भजन कीर्तन व मंत्र सुनाई दे रहे हैं। पैसेंजर ट्रेन बंद होने से अधिकांश लोग निजी वाहनों से चित्रकूट पहुंचे। लोगों को सर्दी से बचने के लिए प्रशासन ने अलाव व रैन बसेरा के इंतजाम किए हैं। साथ ही व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट तैनात हैं।

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