उत्तर प्रदेश राज्य में एक अप्रैल से प्रस्तावित किसानों से गेहूं खरीदने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
अकेले सहकारिता विभाग ही राज्य में इस बार 5000 से अधिक क्रय केंद्र स्थापित करेगा। अधिकांश क्रय केंद्र गांवों में स्थित साधन सहकारी समितियों पर ही स्थापित किए जाएंगे। सहकारिता विभाग का खरीद लक्ष्य भी प्रदेश सरकार ने बढ़ाया है। सहकारिता विभाग 35 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदेगा। अपर मुख्य सचिव सहकारिता एमवीएस रामीरेड्डी के मुताबिक विभाग की तरफ से इस बार गेहूं खरीद के लिए 3500 क्रय केंद्र प्रस्तावित किए गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर क्रय केंद्रों की संख्या अब 5000 की गई है। यह संख्या और बढ़ाई जा सकती है।
मोबाइल मैसेज किसानों को बताएगा कहां है क्रय केंद्र
पिछले सीजन के मुकाबले इस बार एक हजार से भी अधिक नये क्रय केंद्र खोले जाएंगे। क्रय केंद्र बढ़ने से किसानों को अपनी गेहूं बेचने में अधिक सहुलियत हो जाएगी। किसानों को उनके घर के पास गेहूं बेचने की सहुलियत मिल जाएगी। विभाग द्वारा किसानों के मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजकर बताया जाएगा कि उनके घर के करीब कौन सा केंद्र है।
सबसे अधिक 24 लाख टन पीसीएफ खरीदेगा
अपर मुख्य सचिव रामीरेड्डी के मुताबिक प्रदेश सरकार ने इस सीजन में 55 लाख एमटी गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। इसमें से करीब 66 फीसदी गेहूं सहकारिता विभाग खरीदेगा। पिछली बार 27 लाख एमटी खरीद सहकारिता विभाग ने खरीदे थे, इस बार 35 लाख एमटी गेहूं खरीदने का लक्ष्य मिला है। सबसे अधिक खरीद का लक्ष्य पीसीएफ को 24 लाख एमटी का दिया गया है। पीसीयू और यूपीएसएस मिलकर 11 लाख एमटी गेहूं खरीदेंगे।