कर्नाटक में संकट से घिरी गठबंधन सरकार को थोड़ी राहत देते हुए कांग्रेस विधायक रामालिंगा रेड्डी ने आज विधानसभा से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और वह मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा रखे जाने वाले विश्वास मत के समर्थन में मतदान करेंगे। रेड्डी ने बताया कि वह विधानसभा सत्र में शामिल होंगे और कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेंगे। मैं पार्टी में रहूंगा और विधायक के तौर पर सेवाएं दूंगा।
पूर्व मंत्री रेड्डी कांग्रेस के 13 और जेडीएस के उन तीन विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन का भाग्य अब गुरुवार शाम होने वाले विश्वास मत पर टिका हुआ है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया कि 15 बागी विधायकों को विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है.
बता दें कि पूर्व मंत्री रेड्डी समेत कांग्रेस के 13 और जेडीएस के तीन विधायकों ने अपने इस्तीफे दिये थे, वहीं दो निर्दलीय विधायकों ने भी 14 महीने पुरानी कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद से जेडीस-कांग्रेस सरकार संकट में है। वहीं कल बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि स्पीकर बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लें। सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए 15 बागी विधायकों को बाध्य नहीं किया जा सकता। बागी विधायक सदन में जाने या नहीं जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
रामालिंगा रेड्डी के इस्तीफा वापस लेने बाद अगर फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर रमेश कुमार 15 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लेते हैं तो कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की संख्या 225 से घटकर 210 रह जाएगी क्योंकि स्पीकर वोटिंग में हिस्सा नहीं लेते हैं। ऐसे में केवल 209 विधायक ही विश्वास मत पर वोटिंग कर सकेंगे। सदन में अभी तक स्पीकर को छोड़कर कांग्रेस के 78 और जेडीएस के 37 विधायक हैं।
कांग्रेस के 12 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर होते ही कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 78 से घटकर 66 हो जाएगी। जेडीएस के तीन बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने से जेडीएस के सदस्यों की संख्या 37 से घटकर 34 हो जाएगी। कांग्रेस और जेडीएस सरकार को एक नॉमिनेटेड मेंबर और एक बीएसपी विधायक का सपोर्ट है। इस तरह कांग्रेस और जेडीएस अलायंस की विधानसभा में कुल ताकत 102 है।
दूसरी ओर सदन में बीजेपी के 105 विधायक हैं जबकि दो निर्दलीय विधायक एच नागेश और आर शंकर बीजेपी को समर्थन कर रहे हैं। यानी सदन में बीजेपी को 107 सदस्यों का समर्थन है। ऐसे में बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने पर कुमारस्वामी सरकार का गिरना तय है। जानकार मानते हैं कि कुमारस्वामी सरकार एक ही हालत में बच सकती है, अगर बीजेपी के कम से कम तीन विधायक फ्लोर टेस्ट के दौरान कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में वोट डाल दें।
वहीं फ्लोर टेस्ट से ऐन पहले कांग्रेस के एक बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी ने वापसी के संकेत देते हुए कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में वोट देने की बात कही है लेकिन इस एक वोट से भी कुमारस्वामी सरकार को बचा पाना संभव नहीं होगा। इस संकट से बचने के लिए सीएम कुमारस्वामी पूजा अर्चना में जुटे हैं। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और उनके पिता एचडी देवेगौड़ा ने कल अलग-अलग मंदिरों में पूजा अर्चना की। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा भी बेंगलुरु के देवी गंगाधरेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की।
गौरतलब है कि अधिकांश बागी विधायक मुंबई में रह रहे हैं, लेकिन रेड्डी शहर में ही रहे. इस बीच ऐसी खबरें आ रहीं थी कि कांग्रेस उनको मनाने की कोशिश कर रही है. पार्टी ने अयोग्य ठहराए जाने के लिए दिए बागी विधायकों के नाम से उनका नाम भी हटा दिया था.