जाने-माने राजनीतिक परिवार से आने के बावजूद मीरा कुमार का नाता शुरू में राजनीति से नहीं था। पढ़ाई में मेधावी थीं। उनका चयन भारतीय विदेश सेवा में हो गया। देश से बाहर स्पेन, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम में काम कीं, किंतु इसमें मन नहीं लगा। आखिरकार उन्होंने नौकरी छोड़ी और राजनीति का रुख किया।
यह वो दौर था जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में कांग्रेस के प्रति सहानुभूति लहर थी। वह बिजनौर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार लोकसभा पहुंचीं। उसके बाद पांच बार सांसद, केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में देश की पहली महिला स्पीकर होने का गौरव हासिल किया। बिहार में जन्मी मीरा कुमार का व्यक्तित्व बहुआयामी है।
देश के प्रख्यात दलित नेता और उपप्रधानमंत्री रहे बाबू जगजीवन राम की इस लाडली ने सामाजिक, राजनैतिक और प्रशासनिक, सभी मोर्चों पर अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है। शायद वे देश की इकलौती महिला नेत्री हैं जिन्हें यूपी, दिल्ली और बिहार जैसे तीन तीन राज्यों से लोकसभा पहुंचने का गौरव हासिल है। वर्ष 2017 में संयुक्त विपक्ष ने उन्हें मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के खिलाफ प्रत्याशी भी बनाया था।