देश-समाज से जुड़े सवाल बोझ हैं, पब्लिक फिगर हूं, प्रॉपर्टी नहीं


पिंक, इंदू सरकार, मिशन मंगल और उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक जैसी फिल्मों में अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों के दिल में जगह बनाने वाली


कीर्ति कहती हैं कि ऐक्टर्स की सामाजिक जिम्मेदारी को वह बोझ मानती हैं, उनकी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ उनका काम यानी ऐक्टिंग है।


एक ऐक्टर की देश-समाज के प्रति क्या जिम्मेदारी होनी चाहिए
क्या भारत देश ( ढ्ढठ्ठस्रद्बड्ड ) से संबधित किसी भी तरह के सामाजिक, आर्थिक, पॉलिटिकल या अन्य मुद्दों के बारे में आपके जैसे करोड़ों-अरबों लोगों ( दर्शकों ) के आइडल, यूथ आइकॉन सिलेब्रिटीज की कोई सामाजिक जिम्मेदारी होनी चाहिए?

क्या हम मीडिया कर्मियों को देश में होने वाली किसी भी तरह की हलचल पर बनने वाली सुर्खियों पर आपसे सवाल करना चाहिए? आप इसे किस तरह देखती हैं?

क्या देश के किसी भी मुद्दे पर आपकी राय आपके चाहने वालों के लिए होनी चाहिए ?
जरूरी नहीं कि देश-समाज से जुड़ी हर बात का जवाब सही हूं


सवाल के जवाब में कीर्ति ने बड़ी ही बेबाकी से कहा, च्देखिए, मेरे हिसाब से हम ऐक्टर्स से देश या सामाज के किसी भी मुद्दे पर मीडिया कर्मियों का राय मांगने को मैं बोझ मानती हूं।

मैं इस सामाजिक जिम्मेदारी को बोझ मानती हूं। इंसान हम भी हैं और इंसान आप भी हैं, लेकिन सिर्फ इसलिए क्योंकि मेरा हर बात पर कोई विचार ( ह्रश्चद्बठ्ठद्बशठ्ठ ) होना चाहिए या फिर सही ऑपिनियन होना चाहिए यह जरूरी नहीं.

.. क्योंकि लोग फिर हमें पब्लिक फिगर से अलग नहीं कर पाते हैं और यह भूल जाते हैं कि सामने हम जैसा भी एक इंसान ही खड़ा है।ज्


देश-समाज से जुड़े सवालों के जवाब जबरदस्ती न मांगे

कीर्ति अपनी बात को अच्छी तरह समझाते हुए आगे कहती हैं, च्मैं हर चीज के बारे में नहीं जानती। मेरा हर चीज में इंट्रेस्ट नहीं है। मेरा हर चीज में ऑपिनियन नहीं है

तो भला क्यों यह उम्मीद की जाती है कि हम ऐक्टर्स या पब्लिक फिगर हर चीज सही हिसाब से करें या सही करें। यह जो देश-समाज से जुड़े सवालों का बोझ है, जबरदस्ती है

या फिर जबरन यह जिम्मेदारी हमें क्यों दे दी गई है। यह बिलकुल भी जरूरी नहीं कि मेरा हर मामले में कोई एक विचार हो।
अपनी फिल्मों के माध्यम से कर रही हूं अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा

कीर्ति ने आगे कहा, च्मुझे लगता है कि मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी मेरी ऐक्टिंग है, क्योंकि मैं खुद को ऐक्टर कहती हूं। आप मुझसे यह सवाल कर सकते हैं कि मैं जो काम कर रही हूं,

वह किस तरह से कर रही हूं। मेरे काम यानी ऐक्टिंग से जुड़े सवाल जवाब जो होते हैं, वह जायज हैं, मैं मेरे काम से जुड़े सवालों के लिए उत्तरदायी हूं।

मुझे लगता है कि सबसे बड़ा सामाजिक कार्य तो मैं अपने अभिनय के जरिए ही कर रही हूं, जिस तरह के किरदार करती हूं, जिस तरह की फिल्मों का हिस्सा बनती हूं,

इतना कुछ कहा जाता है उन फिल्मों में, कितना कुछ हो जाता है उसमें कि उससे आगे जाकर किसी को जवाब देना मेरी जिम्मेदारी नहीं, यह जिम्मेदारी होनी भी नहीं चाहिए

।ज्
मैं पब्लिक पॉर्पर्टी नहीं, पॉलिटिकल-पर्सनल सवालों का जवाब जबर्दस्ती न मांगा जाए
अपनी बात समाप्त करते हुए वह कहती हैं, च्मैं पर्सनल लाइफ में क्या करती हूं, क्या नहीं करती हूं, किसके लिए स्टैंड लेती हूं, किसके लिए नहीं लेती हूं…

यह प्रेशर न दिया जाए मुझे। मैं जो भी करूं अपने हिसाब से करूं क्योंकि मेरी अपनी निजी जिंदगी है। मीडिया को भी हमें यह स्पेस देना चाहिए। दूसरी ओर मैं यह भी अच्छी तरह समझती और जानती-मानती हूं कि पब्लिक फिगर होने का मतलब क्या होता है।

हम ऐक्टर्स पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं हैं, यह किसी भी तरह सही नहीं है। पब्लिक फिगर होने का मतलब हम पब्लिक पॉर्पर्टी नहीं। हमसे पॉलिटिकल और पर्सनल सवालों का जवाब जबर्दस्ती न मांगा जाए।ज्
कीर्ति च्क्रिमिनल जस्टिस: बिहाइंड द क्लोज्ड डोर्सज् में आएगीं नजर
कीर्ति इन दिनों अपनी रिलीज़ के लिए तैयार वेब सीरीज च्क्रिमिनल जस्टिस: बिहाइंड द क्लोज्ड डोर्सज् के प्रमोशन में जी-जान से जुटी हैं।

इस सीरीज में उनके साथ पंकज त्रिपाठी, अनुप्रिया गोयनका मुख्य किरदार में हैं। यह सीरीज 24 दिसंबर को ओटीटी प्लेटफॉर्म हॉटस्टार में रिलीज़ होगी।

इसके अलावा कीर्ति, रिभु दासगुप्ता की सस्पेंस-मिस्ट्री-थ्रिलर फिल्म च्द गर्ल ऑन द ट्रेनज् की शूटिंग और पोस्ट प्रॉडक्शन का काम पूरा कर रही हैं।

इस फिल्म में वह परिणीति चोपड़ा और अदिति राव हैदरी के साथ मुख्य रोल में नजर आएगीं।

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