उरई। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की जनपद इकाई ने शिक्षकों की समस्याओं के निवारण को लेकर लिखित ज्ञापन सरकार के प्रतिनिधि
नरेन्द्र सिंह जादौन विधायक कालपी को सौपकर समस्याओं के हल की मांग उठाई।
ज्ञापन में बताया कि शिक्षक समुदाय का निश्चित मत है कि एनपीएस अर्थात नई पेंशन योजना शिक्षक की वृद्धावस्था में उसी जीवन स्तर के साथ जीवन यापन करने योग्य नही है।
जिस जीवन स्तर पर शिक्षक सेवा निवृत्त होता हैै। उस पर उसे प्रति माह अगर पेंशन के रूप में कुछ मिलता रहता है
तो उसे उसका जीवन यापन वृद्धावस्था में अच्छी तरीके से हो सकता है। वित्त विहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी समान कार्य के लिए
समान वेतन के सिद्धान्त पर वेतन एवं समानता के आधार पर सेवा शर्ते लागू की जाये।
महंगाई दिन प्रतिदिन बढती जा रही है। सरकार द्वारा जो महंगाई भत्ते की कटौती की गई है। उन किस्तों को वापिस लिया जायेें तथा महंगाई भत्ते को पूर्ववत बनाये रखा जायें।
विद्यालयों में कार्यरत कम्प्यूटर तथा व्यवसायिक शिक्षक पूर्णकालिक शिक्षक के रूप में शिक्षण कार्य करे
तथा उन्हे समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत के आधार पर वेतन अनुमन्य किया जाये। सहायक विद्यालयों में मान्यता की धारा 7 के अन्तर्गत नियुक्त शिक्षकों को उच्चतम न्यायालय के दिए गए
निर्देशो के अनुसार समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था के अन्तर्गत समान वेतनमान देने की व्यवस्था सुनिश्चित हो। विनियमितिकरण से वंचित तदर्थ शिक्षकों को विनियमितिकरण किया जायें।
चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 21 यथावत रहे। सभी शिक्षकों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा अनुमन्य की जायें।
महिला शिक्षकों को अनुमन्य अवकाश की सुविधा को अनिवार्य रूप से अनुमन्य कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जायें।
सामूहिक बीमा जो 2014 से बंद कर दिया है उसे पुनः चालू किया जाये। इस दौरान ज्ञापन देने मे ंप्रमुख रूप से प्रताप सिंह, रामजी गुर्जर, नरेन्द्र कुमार, रवि अग्रवाल, योगेश, अजीत, राकेश आदि लोग मौजूद रहे।