Uttar Pradesh ,
कहते है कि बनारस में कोई कभी भूखा नही सोता है। चाहे जेब में एक रुपया भी न हो मगर भोलेनाथ की नगरी में माता अन्नपूर्णा की कृपा से सबका पेट भरता है। माता अन्नपूर्णा सबकी अन्नदाता है। तभी तो रूस के क्रीमिया से बनारस आई महिला पर्यटक के पास खाने के पैसे नही होने पर भी अन्नपूर्णा की नगरी काशी ने न सिर्फ़ विदेशी महिला का पेट भरा बल्कि आगे के सफर के लिए धन भी मुहैया कराया। काशी के लोगों के सेवा भाव से मुदित क्रीमिया की महिला भी खूब खुश नजर आई। रूस की महिला पर्यटक को देश के सम्मान और मित्र देश के नाते कपसेठी थानाध्यक्ष अनिल कुमार मिश्रा और क्षेत्र के समाजसेवियों ने खूब सहयोग किया। इस दौरान आह्लादित महिला ने खुश होकर ‘वंदे मातरम’ बोला तो सब खुश हो उठे।
भारत देश में अतिथि देवो भव का प्रचलन है। यहाँ के संस्कृति और संस्कार में इतनी ताकत और श्रद्धा है कि किसी भी अतिथि को आदर भाव सत्कार देने की परंपरा को ईश्वर की भक्ति के सापेक्ष जोड़कर देखा जाता है। भले ही वह किसी भी देश से जुड़ा व्यक्ति हो भारत देश में आने पर उसका आदर सत्कार होना तय है। और बात यदि वाराणसी नगरी की हो तो यह परंपरा और भी गहरी हो जाती हैं। इनदिनों रूस और यूक्रेन के बीच जोरदार जंग जारी है ,इसमे कभी यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया को कब्जा कर रूस का हिस्सा बन जाने के बाद अब क्रीमिया के लोग यूक्रेनी के बजाय रूसी हो चुके हैं। हालांकि, कभी यह सोवियत गणराज्य का हिस्सा भी था। वाराणसी शहर में क्रीमिया और रूस की चर्चा शनिवार को उस समय शुरू हो गई जब एक क्रीमिया की महिला पर्यटक के पास खाने तक के लिए पैसे नहीं बचे। धन की कमी से जूझ रही महिला के बारे में जानकारी हुई तो अन्नपूर्णा की नगरी काशी के लोगों ने न सिर्फ भोजन दिया बल्कि भोजन के साथ ही आगे के सफर के लिए धन भी मुहैया कराया। काशी के लोगों के सेवा भाव से मुदित क्रीमिया की महिला भी खूब खुश नजर आई।
रूस की महिला पर्यटक को देश के सम्मान और मित्र देश के नाते उस विदेशी महिला पर्यटक का कपसेठी थानाध्यक्ष अनिल कुमार मिश्रा और क्षेत्र के समाजसेवियों ने खूब सहयोग किया। इस दौरान आह्लादित महिला ने खुश होकर ‘वंदे मातरम’ बोला तो सब खुश हो उठे। दरअसल विदेशी महिला पर्यटक का कपसेठी पुलिस व समाजसेवियों ने सहयोग किया तो वह बहुत भावुक नजर आई।
शनिवार को देर शाम रूस के क्रीमिया शहर से लगभर 15 दिन पूर्व लतेर नामक महिला व उसका 10 वर्षीय बेटा भारत घूमने आए थे। गोवा से किराए की कार के यू वी 100 जी ए 11 ए 1986 लेकर स्वयं ड्राइव करते हुए बनारस शहर के कपसेठी थाना क्षेत्र में पहुंच गई। महिला के कार का ईंधन बनारस में खत्म हो गया तो किसी भारतीय मित्र से 2000 रूपये गूगल पर पर मंगाया जिससे ईंधन भी भरवाया। लेकिन, खाने के लिए उसके पास कुछ नहीं था तो महिला ने कपसेठी पुलिस से सहयोग मांगा।
कपसेठी पुलिस अन्य समाजसेवियों के साथ मिलकर विदेशी महिला को 10000 रुपये का सहयोग दिया। सहयोग मिलते ही उस विदेशी महिला की आंखों में आंसू आ गए। सहयोग राशि के द्वारा वह अपने गंतव्य नई दिल्ली के लिए रवाना हो गई। बताते चलें कि क्रीमिया के पड़ा़ेस में इस समय जंग का माहौल है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में इस तरह की मानवता और संवेदना दिखनी विश्व पटल में एक अलग छवि प्रस्तुत करता है।