अफसर की मानवता! विलासपुर के कलेक्टर डॉ० संजय अलंग जब केंद्रीय जेल में निरिक्षण के लिए पहुँचे तो देखा कि एक 6 साल की बच्ची अपने पिता से लिपट कर रो रही थी।
पूछने पर पता चला कि एक अपराध में सजायाफता क़ैदी है, ये उसकी बेटी है। 5 साल की सजा काट ली है, 5 साल ओर जेल में रहना है। ये बच्ची जब 15 दिन की थी, तभी उसकी माँ की मृत्यु हो गई थी। पालन पोषण के लिए घर में कोई नहीं था। इसलिए उसे जेल में ही पिता के पास रहना पड़ रहा है। कलेक्टर साहिब उसे अपनी कार में बैठा कर जेल से स्कूल तक खुद छोड़ने गए। शहर के जैन इंटरनेशनल स्कूल में इसका एडमिशन करा दिया। वह स्कूल के हॉस्टल में ही रहेगी। इसके लिए विशेष केयरटेकर का भी इंतज़ाम किया गया है। सारा खर्चा खुद कलेक्टर साहिब उठाएँगे।